सुरेश चौधरी
चार्टर्ड अकाउंटेंट, अर्थशास्त्री, साहित्यकार,
कवि, चिंतक एवं विचारक
मैं जीवन दंड-विधान हूँ मैं निज आत्म सम्मान हूँ,
मैं प्राण गति उत्थान हूँ गौरव प्रतिष्ठा मान

साहित्यिक यात्रा
कविताएं
हृदय की गहराई से निकली भावनाओं की अभिव्यक्ति
कहानियाँ
जीवन के विविध पहलुओं को दर्शाती मार्मिक कहानियाँ
पुरस्कार
साहित्यिक उत्कृष्टता के लिए प्राप्त सम्मान
पाठक
प्रेरित और प्रभावित पाठकों का समुदाय
परिचय
प्रख्यात चार्टर्ड अकाउंटेंट, हिन्दी कवि, दार्शनिक एवं 36 प्रकाशित कृतियों के लेखक
भाग – 1: व्यक्तिगत एवं शैक्षणिक परिचय
शैक्षणिक योग्यता
- ●स्नातक (विज्ञान) — भौतिकी, रसायन एवं गणित, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज (1967–1971)
- ●फेलो चार्टर्ड अकाउंटेंट (FCA) — इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (1972–1976)
- ●मैट्रिकुलेशन: ए.डी.एल.एस. हाई स्कूल, जमशेदपुर (1963–1967)
- ●प्रारंभिक शिक्षा: भारतीय मॉडल स्कूल (आर्य समाज), (1962 तक)
व्यावसायिक पृष्ठभूमि
- ●प्रबंधक (वित्त) — उषा एलॉयज़ एंड स्टील्स (1977–1982)
- ●उपाध्यक्ष (वाणिज्य) — बिहार एलॉय स्टील्स लिमिटेड (1982–1983)
- ●संस्थापक एवं प्रवर्तक — 18 औद्योगिक इकाइयों (1983–2008)
- ●आर्थिक सलाहकार (2008–2011)
- ●पूर्णकालिक लेखक, दार्शनिक एवं कवि (2011 से अब तक)
भाग – 2: कार्यकारी सारांश
सुरेश कुमार चौधरी "इन्दु" एक प्रतिष्ठित हिन्दी कवि, दार्शनिक एवं चिंतक हैं, जिनकी रचनाएँ अध्यात्म, सौंदर्यबोध और मानवीय अनुभव के समन्वय से भारतीय विचारधारा को नया आयाम प्रदान करती हैं।
जमशेदपुर में जन्मे श्री चौधरी ने वित्त एवं उद्योग के क्षेत्र में दीर्घ और सफल करियर के पश्चात् 2006 में गंभीर अस्वस्थता के दौरान आत्मचिंतन का मार्ग अपनाया। 2011 से वे पूर्णतः साहित्य साधना में रत हैं और अब तक 36 ग्रंथों का सृजन कर चुके हैं।
उनकी साहित्यिक दृष्टि सनातन धर्म के मूल तत्वों — सत्य, करुणा और आत्मज्ञान — पर आधारित है। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में श्री दुर्गतिविनाशिनी, सुर तरंगिणी और गोपी गीत प्रमुख हैं।
अपने काव्य, निबंधों और भाष्य ग्रंथों के माध्यम से उन्होंने आधुनिक भारतीय चिंतन में एक महत्त्वपूर्ण स्वर के रूप में स्थान प्राप्त किया है।
भाग – 3: प्रकाशित ग्रंथों की विस्तृत सूची
(1) अनुवाद एवं धार्मिक/शास्त्रीय व्याख्याएँ
- ●श्री दुर्गतिविनाशिनी — दुर्गा सप्तशती का पद्यात्मक हिन्दी रूपांतरण
- ●प्रांजलि – द्वितीय भाग — 101 वैदिक एवं भागवत श्लोकों पर आधारित पद्य प्रार्थनाएँ
- ●वेद से वेदान्त तक — नौ उपनिषदों का काव्यात्मक अनुवाद
- ●आदि शंकर रसामधुरी — आदि शंकराचार्य के स्तोत्रों का पद्य रूपांतरण
- ●हर हर महादेव — शिव-संबंधित स्तोत्रों एवं मंत्रों का छंदबद्ध अनुवाद
- ●सुभाषितम् — 216 संस्कृत नीतिवचनों का दोहा छंद में रूपांतरण
- ●गोपी गीत — भागवत पुराण के दिव्य संवादों का काव्यात्मक अनुवाद
- ●सुर तरंगिणी — गंगा की पावन यात्रा पर आधारित काव्यकृति
- ●68 शारद रविन्द्र की शरण — रविन्द्रनाथ ठाकुर के 68 बांग्ला गीतों का अनुवाद
(2) दार्शनिक एवं आध्यात्मिक ग्रंथ
- ●भारतीय दर्शन — आस्तिक दर्शन के छह शास्त्रों का परिचय
- ●भारत के अन्य दर्शन — चार्वाक, बौद्ध और जैन दर्शनों का विवेचन
- ●वेदान्त — शंकराचार्य के महावाक्यों की व्याख्या
- ●श्रीमद्भागवत महापुराण — विश्लेषणात्मक समीक्षा
- ●वेद – परिचय एवं समीक्षा — चारों वेदों की रचना-संरचना
- ●मनुस्मृति — परिचय एवं व्याख्या
- ●भ्रम और भ्रांतियाँ — भ्रांतियों का तथ्यपरक निराकरण
- ●चमत्कृत करती भाषा संस्कृत — संस्कृत की वैज्ञानिकता पर निबंध
(3) काव्य और साहित्यिक कृतियाँ
- ●तिमिर ढलेगा — 101 प्रेरक कविताएँ
- ●बुलबुले-सी ज़िन्दगी — मुक्तछंद कविताएँ
- ●कुछ माणिक कुछ मोती — गीतात्मक कविताएँ
- ●प्रांजलि — 101 मुक्तछंद प्रार्थनाएँ
- ●शून्य से शून्य तक — 81 चिंतनशील कविताएँ
- ●इन्दु पदावली — सगुण और निर्गुण भक्ति पद
- ●दोहञ्जली — 711 दोहे
(4) शोध, निबंध एवं सामाजिक-आर्थिक अध्ययन
- ●मूल्यांकन — भारतीय अर्थव्यवस्था का विश्लेषण
- ●भारतीय काव्य संहिता — काव्य रूपों पर मार्गदर्शिका
- ●ऐक्सिडेंटल टूर इन हाइबरनेशन — यात्रा संस्मरण
भाग – 4: सम्मान, पुरस्कार एवं सार्वजनिक योगदान
प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान
- 🏆भारत गौरव पुरस्कार – उद्योग और साहित्य में विशिष्ट योगदान
- 🏆राजभाषा गौरव सम्मान – पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा
- 🏆विद्या वाचस्पति – विक्रमशिला हिन्दी विश्वविद्यालय
- 🏆साहित्य शिरोमणि – दामोदरदास चतुर्वेदी फाउंडेशन
- 🏆मानद डॉक्टरेट – वैदिक हिन्दी साहित्य में
- 🏆"यू इन्स्पायर अस" – ICAI (केवल तीन प्राप्तकर्ता)
विशेष उपलब्धियाँ
- ✨इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में विश्व-रिकॉर्ड
- ✨"ज्ञान गंगा" एवं "गीता कार्यशालाएँ" संचालित
- ✨संस्थापक-अध्यक्ष, रचनाकार इंटरनेशनल
- ✨शुक्तिका फाउंडेशन – कैंसर पीड़ितों को सहायता
भाग – 5: वर्तमान एवं भावी साहित्यिक परियोजनाएँ
- 📖चित्तौड़ के 1500 वर्षों पर महाकाव्य — इतिहास, पराक्रम और दार्शनिक विकास का काव्यात्मक समन्वय
- 📖"रामकथा – 108 मणिकाओं में" — 20 प्रमुख रामायणों का तुलनात्मक अध्ययन
- 📖प्राचीन संस्कृत स्तोत्रों का अनुवाद — सतत जारी परियोजना
भाग – 6: विश्वविद्यालय विचारार्थ वक्तव्य
सुरेश कुमार चौधरी "इन्दु" विद्वता, सृजनशीलता और सांस्कृतिक दृष्टि के दुर्लभ संगम का प्रतीक हैं। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और औद्योगिक अग्रणी से लेकर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दार्शनिक कवि तक उनका जीवन-मार्ग गहन बौद्धिक ईमानदारी और आध्यात्मिक उत्कर्ष का द्योतक है।
उनके 36 प्रकाशित ग्रंथ — जिनमें वैदिक अनुवाद, दार्शनिक विवेचन और मौलिक महाकाव्य सम्मिलित हैं — आधुनिक युग में भारतीय ज्ञानपरंपरा की समझ को समृद्ध करते हैं।
विज्ञान, वित्त, दर्शन और काव्य — इन चारों क्षेत्रों में उनका योगदान मानव ज्ञान के समग्र दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ
राज भाषा गौरव
हिंदी भाषा और साहित्य के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित।
हनुमान प्रसाद पोद्दार पुरस्कार
हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा और योगदान के लिए राज्य स्तर पर सम्मान।
वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस
तीन वर्षों में १,००० अनूठे भक्ति गीत रचने की वैश्विक उपलब्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान।
मानद डॉक्टरेट
वैदिक हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदान की गई मानद उपाधि।

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